




वनवर्धन एवं वन प्रबंधन प्रभाग
वनवर्धन एवं वन प्रबंधन प्रभाग के उद्देश्य:
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वनवर्धन एवं वन प्रबंधन तकनीक
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संसाधन मूल्यांकन और महत्वपूर्ण वन प्रजातियों का सतत प्रबंधन
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महत्वपूर्ण वन एवं वन क्षेत्र से बाहर की प्रजातियों की नर्सरी एवं वृक्षारोपण तकनीक
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वानिकी प्रजातियों के बीजों की तकनीक (संग्रह, प्रसंस्करण, जीवन क्षमता, भंडारण, अंकुरण प्रमाणीकरण)
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खरपतवार व इनवेसिव प्रजातियों का प्रबंधन और नियंत्रण
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वन अर्थशास्त्र और बायोमैट्रिक्स
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काष्ठ और गैर-काष्ठ आधारित वन उद्योगों के कच्चे माल की मांग, आपूर्ति साथ ही वानिकी एवं वन के बाहर के उत्पादों का विपणन
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कृषि-वानिकी/वन के बाहर की प्रजातियों के लिए अनुसंधान और तकनीकी सहायता व मॉडल विकसित करना
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कम ज्ञात प्रजातियों का संरक्षण, प्रवर्धन और सतत कटान
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विकास और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के दीर्घकालीन अध्ययन के लिए सैम्पल भूखंडों की स्थापना विकास पुनरुत्थान और संरक्षण
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महत्वपूर्ण गैर-काष्ठ उत्पादों के लिए उचित खेती, कटाई और कटाई के बाद की तकनीक
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भंडार गृह, जर्मप्लाज्म, आदि निर्मित करना व रखरखाव
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जंगल की आग पर अनुसंधान और ज्ञान प्रबंधन
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अन्य संबंधित समकालीन वानिकी मुद्दे
प्रमुख- क्षेत्र:
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उत्तर –पश्चिमी हिमालय के शंकुधारी व उसके साथ उगने वाले चौड़ी- पत्ती वाली प्रजातियों के पुनर्जनन को प्रभावित करने वाले कारकों का अध्ययन करना
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उत्तर –पश्चिमी हिमालय के महत्वपूर्ण वानिकी प्रजातियों की नर्सरी, बीज़ व रोपण तकनीक का मानकीकरण करना
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कृषि-वानिकी प्रणाली का अध्ययन और उत्पादकता वृद्धि के लिए उपयुक्त कृषि- वानिकी माडल विकसित करना
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महत्वपूर्ण प्रजातियों के उद्गम स्थान की पहचान, प्रजातियों में सुधार और उत्पादकता बढ़ाने के लिए संतति परीक्षण
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आजीविका और कृषि से आय में वृद्धि के लिए शीतोषण पौधों की खेती की तकनीक विकसित करना
पूर्ण की गई अनुसंधान परियोजनाएं:
अ. प्लान परियोजनाए:
- औषधीय पौधों की प्रजातियों का व्यापक प्रसार करने के लिए नर्सरी तकनीक का मानकीकरण |( डा०संदीप शर्मा, अप्रैल 2000 से मार्च 2007)
- शंकुधारी एवं उनके साथ पाई चौड़ी पत्तियों वाले पौधों की कोन्टेराईजड पौधे तैयार करने हेतु नर्सरी तकनीकों का मानकीकरण | (डा० संदीप शर्मा ,अप्रैल 2000 से मार्च 2007)
- विभिन्न पारिस्थितिक जलवायु क्षेत्रों में स्थानीय स्तर पर उपलब्ध कच्चे माल से खाद बनाने के उन्नत तरीकों का विकास करना | (डा० संदीप शर्मा, अप्रैल 2002 से मार्च 2005)
- हि०प्र० की महत्वपूर्ण वृक्ष प्रजातियों के बीज एकत्रण, रखरखाव, भण्डारण, परीक्षण तथा बीज प्रमाणीकरण के तरीकों का मानकीकरण | (श्री के०एस० ठाकुर, अप्रैल 2002 से मार्च 2005)
- देवदार में पौध रोपण स्टॉक सुधार कार्यक्रम | (श्री के०एस० ठाकुर, अप्रैल 2003 से मार्च 2010)
- हिमाचल प्रदेश के विभिन्न कृषि जलवायु क्षेत्रों में कृषि वानिकी के लिए पोलोनिया प्रजातियों की शुरुआत एवं प्रयोग परीक्षण। ( श्री जगदीश सिंह, अप्रैल 2003 से मार्च 2008)
- हिमाचल प्रदेश के मध्य और उच्च पहाड़ियों में मौजूदा कृषि वानिकी प्रणालियों का नैदानिक सर्वेक्षण एवं मूल्यांकन | (श्री जगदीश सिंह, अप्रैल 2005 से मार्च 2008)
- हिमाचल प्रदेश में स्थानीय और संस्थागत सहभागी वन प्रबंधन का नैदानिक अध्ययन | (श्री केशव दत्त शर्मा एवं श्री जगदीश सिंह, अप्रैल 2005 से मार्च 2008)
- हिमाचल प्रदेश में हमीरपुर जिला के विशेष सन्दर्भ में मिट्टी की उर्वरता स्थिति और महत्वपूर्ण स्थानीय कृषि वानिकी वृक्ष प्रजातियों से पोषक-तत्व वापसी का मूल्यांकन | (डॉ०विजेंदर पाल पंवार, अप्रैल 2006 से मार्च 2011)
- हिमाचल प्रदेश और जम्मू एवं कश्मीर की निचले क्षेत्रों में कृषि-वानिकी के लिए गम्हार प्रजाति की प्रचार और प्रयोग परीक्षण | ( डॉ० विजेंदर पाल पंवार, अप्रैल 2006 से मार्च 2011)
- जुनिपर और फ्रेक्सिनस के बीज एकत्रण बीज रख-रखाव, बीज निष्क्रियता दूर करने के तरीकों का मानकीकरण | ( श्री पी०एस०नेगी अप्रैल, 2006 से मार्च, 2011)
- देवदार एवं बान ओक के नर्सरी स्टॉक की रूपात्मक एवं शारीरिक गुणवत्ता मापदंड का निर्धारण | (डा० संदीप शर्मा, अप्रैल 2007 से मार्च 2013)
- देवदार के बड़े पौधों के रोपण हेतु तकनीक विकसित करना | (डा० संदीप शर्मा, अप्रैल 2008 से मार्च 2013)
- हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के मुख्य जंगली खादय पौधों के पोषण की स्थिति का आंकलन करना | (डा० ए०राजसेकरन,अप्रैल, 2008 से मार्च, 2012)
- हिमाचल प्रदेश में पीकरोराइजा करूआ (कडू) तथा वलेरीआना जटामांसी- (निहानी) की उच्चतम फसल दोहन सीमा का आंकलन करना | (डा० ए० राजसेकरन, मार्च 2009 से मार्च 2014)
- हिमाचल प्रदेश व जम्मू और कश्मीर (लद्दाख घाटी) से पोडोफाइलम के उच्च गुणवत्ता वाले पौधों की पहचान व नर्सरी में इनका फील्ड जीन बैंक स्थापित करना | (श्री जगदीश सिंह, अप्रैल 2009 से मार्च 2014)
- ऐबीस स्पेक्टाबिलिस (तालीस पत्र) की बीज अंकुरता एवं दीर्घ जीवन क्षमता पर अध्ययन | (श्री पी०एस०नेगी, अप्रैल 2011 से मार्च 2016)
- हिमाचल हिमालय की मध्य पहाडी परिस्थितियों में काफल एवं च्यूरा की नर्सरी एवं प्रांरभिक पौधरोपण व्यवहार का पता लगाना | (डा० संदीप शर्मा,अप्रैल 2012 से फरवरी 2017)
- हिमाचल प्रदेश में अष्टवर्ग समूह के सुगन्धित व औषधीय पौधों का संरक्षण व मैपिंग | (डा० विनीत जिषटू, अप्रैल 2012 से मार्च 2017)
ब. बाह्य वित्त परियोजनाएं:
- हिमाचल प्रदेश के सम शीतोष्ण क्षेत्रों में व्यवसायिक रूप से महत्वपूर्ण औषधीय पौधों को बागवानी के साथ अंतर-फसल के रूप में मॉडल तैयार करना | (श्री जगदीश सिंह, मार्च 2004 से मार्च 2007)
- वलेरियाना जटामांसी (मुश्कबाला) एवं पिक्रोराइज़ा करू (करू) की अच्छी गुणवत्ता वाली पौध रोपण सामग्री तैयार करना तथा स्थानीय समुदाय में कृषिकरण तकनीकों का विस्तार करना |(डा० संदीप शर्मा अप्रैल 2004 से मार्च 2008)
- हिमाचल प्रदेश के निम्न एवं मध्य हिमालयी क्षेत्रों मे जट्रोफा बीज स्त्रोतों की उपयुक्ता | (डा० संदीप शर्मा फरवरी 2005 से फरवरी 2011)
- हिमाचल प्रदेश में पाइनसन जिरारडियाना (चिलगोजा) के प्राकृतिक रूप से पुर्नजनन का अध्ययन | (डा०ए०राजसेकरन, अप्रैल 2005 से मार्च 2006)
- हिमाचल प्रदेश में विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्ध बरबेरिस एरिस्टेटा की संख्या, एवं बरबेरिन की मात्रा का आंकलन व प्रर्वधन विधि का मानकीकरण करना | (डा० ए० राजसेकरन, अप्रैल 2005 से मार्च 2008)
- हिमाचल प्रदेश के कुल्लू घाटी में विभिन्न देव वन क्षेत्रों में पादप विविधता व स्थान अनुसार संरक्षण के लिए प्रबंधन नीति का दस्तावेज तैयार करना | (डा० ए० राजसेकरन, अप्रैल 2005 से मार्च 2008)
- एकोनीटम हीटरोफाईलम (अतीस) एवं एंजेलिका ग्लौका (चौरा) की उच्च गुणवता वाली पौध रोपण सामग्री तैयार करना एवं उनकी कृषिकरण तकनीक का स्थानीय समुदाय में विस्तार करना | (डा० संदीप शर्मा, अप्रैल 2006 से फरवरी 2010)
- आय के लिए ग्रामीण समुदायों के मध्य औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा देना | (श्री के० डी ०शर्मा, मार्च 2006 से मार्च 2007)
- सतत आय अपार्जन के लिए ग्रामीण समुदायों के बीच औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा देना (श्री केशव दत्त शर्मा; श्री जगदीश सिंह एवं डॉ. विजेंदर पाल पंवार, अप्रैल 2006 से मार्च 2007)
- हिमालय सम-शीतोष्ण वृक्ष-वाटिका की पोर्टर हिल्स शिमला (हि०प्र०) में स्थापना। (डा० विनीत जिषटू, नवम्बर 2007 से मार्च 2017)
- हिमाचल प्रदेश में जट्रोफा करकस (जट्रोफा) के श्रेष्ठ स्त्रोतों का माइक्रो मिशन प्रोग्राम के तहत मूल्यांकन करना | (डा० संदीप शर्मा, सितम्बर 2008 से सितम्बर, 2013)
- अनुसन्धान परियोजना, “भारत की वन मिटटी विशेषत हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के वनो में मिट्टी के कार्बन भण्डार एवं गतिशीलता के मूल्यांकन का अध्ययन” (डॉ०विजेंदर पाल पंवार, अप्रैल 2008 से मार्च 2010)
- उत्तर- पश्चिमी हिमालय, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में पीकारोराइजा करूआ (करू) तथा वलेरीआना जटामांसी (निहाणी) के प्राकृतिक वास से उच्च गुणवत्ता वाले पौधों की पहचान करना।(डा० के०एस०कपूर, डा० संदीप शर्मा, श्री जगदीश सिंह, डा० विक्रम सिंह, डा० ए०आर० नोटियाल व डा आर०एस० चैहान अप्रैल, 2008 से मार्च, 2013)
- हिमाचल प्रदेश के उच्च उॅंचाई वाले क्षेत्रो में ग्लोबल वार्मिंग का प्रभाव का व क्षीण दीर्घकालीन क्षेत्र के पुर्नवास के लिए प्रयोग का दीर्घकालीन अध्ययन | (डा० विनीत जिषटू, अप्रैल 2012 से मार्च, 2017)
- राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड (एन.एम.पी.बी.) संरक्षण परियोजना | (डा० विनीत जिषटू, फरवरी 2013 से जनवरी 2016)
- जट्रोफा करकस (जट्रोफा) के बीज में उच्च तेल मात्रा के लिए जीन मार्कर विकास एवं जट्रोफा में उच्च बीज मात्रा प्राप्त करने हेतु मादा फूल विकास के लिए मॉलिक्यूलर आधार पर अनुवांशिक सुधार करना | (डा० संदीप शर्मा, फरवरी 2013 से फरवरी 2016)
- एकोनीटम हीटरोफाईलम (अतीस), पोड़ोफायलम हेक्सनड्रम (वनककरी) एवं एंजेलिका ग्लौका (चौरा) की उच्च गुणवत्ता वाली पौध रोपन सामग्री तैयार करना तथा इसकी कृषिकरण तकनीक का स्थानीय समुदाय में विस्तार करना | (डा० संदीप शर्मा, अक्टूबर 2013 से अक्टूबर 2016)
- औषधीय पौधों की केंद्र द्वारा पोषित योजना के अंतर्गत क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र भ्रूणधार, जगतसुख, मनाली कुल्लू, हिमाचल प्रदेश में नर्सरी की स्थापना करना । (श्री जगदीश सिंह, अप्रैल 2014 से मार्च 2015)
- भारत में औषधीय पौधों की मांग व आपूर्ति का आंकलन अध्ययन व सर्वेक्षण करना | (डा० विनीत जिषटू, फरवरी 2015 से फरवरी 2016)
- शिमला वन क्षेत्र के अन्तर्गत चौपाल वन प्रभाग प्रभाग में स्थानीय लोगों द्धारा इस्तेमाल किये जा रहे स्वदेशी व सुगन्धित पौधों का अध्ययन करना | (श्री जगदीश सिंह, जुलाई 2015 से जून 2017)
- बरबेरिस अरिस्टेटा के कवकरोधी व रासायनिक गुणों का मूल्यांकन करना (रसायन विभाग देहरादून के सहयोग से) | (डा० विनीत जिषटू, जून 2015 से मई 2018)
वर्तमान में जारी अनुसंधान परियाजनाएं:
अ. प्लान परियाजनाएं:
- हिमाचल प्रदेश में वन्य चारागाह प्रणालियों का सर्वेक्षण, मूल्यांकन तथा समुदाय आजीविका में इनकी भूमिका (प्रमुख अन्वेषक: डॉ० स्वर्ण लता, अप्रैल 2016 से मार्च 2021 )
- जुनिपर की कृषि तकनीकों का मानकीकरण एवं विकास मापदंडो का नर्सरी एवं क्षेत्र परिस्थितियों में मूल्यांकन | (श्री पी०एस० नेगी, अप्रैल 2016 से फरवरी 2021)
- हिमाचल मे चारे के लिए ओक के जंगलों पर सामुदायिक निर्भरता एवं ओक प्रजातियों की पोषण गुणवता एवं पत्तियों के जैवभार का अध्ययन। (डॉ० संदीप शर्मा, फरवरी 2017 से मार्च 2020)
ब. बाहा्य सहायता प्राप्त परियोजनाएं:
- उत्तर-पश्चिमी हिमालय की विलुप्त होती औषधियों पौधों के जीन मार्कर का विकास एवं उनके बायो सिंथेटिक पाथवेज़ पर समर्थन कार्यक्रम | (श्री जगदीश सिंह, अक्टूबर 2015 से सितम्बर 2020)
- ट्रीलिअम गोवानियनम (नागछतरी) में नर्सरी व प्रबंधन तकनीक का मानकीकरण | (श्री जगदीश सिंह ,जुलाई 2016 से जून 2019)
- बहु-स्थान परीक्षण द्धारा पिक्रोरायजा करूआ (कडू), वेलेरियाना जटामासी (निहाणि), पोड़ोफायलम हेक्सनड्रम (वनककड़ी ) की अनुवांशिक श्रेष्ठता, उच्च सक्रिय संघटक का मूल्यांकन करना व ग्रामीण समुदायों को उनकी खेती के लिए प्रोत्साहित करना | (श्री जगदीश सिंह, जुलाई 2016 से जून 2019)
- मूरंग वन परिक्षेत्र जिला किन्नौर, हिमाचल प्रदेश में वैज्ञानिक हस्तक्षेप के माध्यम से चिलगोजा के सरंक्षण के लिए जागरूकता प्रशिक्षण । (डॉ० स्वर्ण लता, जून 2016 से सितम्बर 2018)
- हिमाचल प्रदेश में पाइनस जिरारडियाना (चिलगोजा) में वैज्ञानिक हस्तक्षेपों के माध्यम से आजीविका में सुधार एवं महत्वपूर्ण जंगली मशरूम पर अध्ययन। (श्री पीतांबर सिंह नेगी , अक्तूबर 2017 से सितंबर 2020)
- पॉलीगोनैटम सेरीफोलियम (महामेदा) के मास गुणन के लिए नर्सरी तकनीक का मानकीकरण और स्थानीय समुदायों के बीच इसका विस्तार। (डॉ० संदीप शर्मा, अक्टूबर 2017 - सितंबर 2020)
- फ्रीटीलेरिया रोयली- (ककोली) अष्टवर्गा समूह का एक मुख्य औषधीय पौधे का सर्वेक्षण, मानचित्रण, खेती की तकनीक का विकास, चयनित जर्मप्लासम का मूल्यांकन व आर्थिक मूल्यांकन। (डॉ० स्वर्ण लता, नवम्बर 2017 से अक्तूबर 2021)
मुख्य उपकरण:
क्रम संख्या |
उपकरण के नाम | क्रम संख्या | उपकरण के नाम |
1 | सीड मॅाइसचर मीटर | 24 | यू०वी० स्पैक्टरोफोटोमीटर |
2 | हॉट एयर ओवन | 25 | मल्टी चैम्बर कुलिंग केबिनेट |
3 | एच० पी० एल० सी० | 26 | पोर्टेबल फोटोसिंथेसिस सिस्टम |
4 | रेफ्रीजिरेटर | 27 | प्लाटं केनोपी एनालाईजर |
5 | एलेक्ट्रोनिक बेलेंस | 28 | एकसेलरेटेड एजिंग चेम्बर |
6 | वेकयुम डेस्सिकेटर | 29 | लक्स मीटर |
7 | पी० एच० कम कनडकटीवीटी मीटर | 30 | वाटर बाथ |
8 | रिलेस्कोप | 31 | वर्टेक्स लेसर |
9 | बी०ओ०डी० इन्क्यूबेटर | 32 | डिजिटल कैलिपर |
10 | सीड जर्मीनेटर | 33 | इन्क्रीमेन्ट बोरर |
11 | सीड ड्रायर | 34 | हैंड रिफ्रेक्टर मीटर |
12 | सीड ब्लोअर | 35 | क्लाइनोनोमीटर |
13 | पी० एम० आर० पोरोमीटर | 36 | सोइल टेम्प्रेचर प्रोब |
14 | इन्फ्रा रेड थर्मो मीटर | 37 | मफल फर्नेंस |
15 | मैग्नेटिक सटीरर | 38 | डीप फ्रीजर |
16 | मिलिपोर डिस्टिल वाटर यूनिट | 39 | सोइल रेसपीरेशन चेम्बर |
17 | सोक्सलेट एपेरेटस | 40 | माइक्रो जेल्डहल |
18 | प्रैशर चैम्बर | 41 | पी०एच० मीटर |
19 | थर्मो हाइग्रॉमीटर जर्मन मेक | 42 | वरनीयर जनरल केलीपर |
20 | वैंईग बैलेन्स | 43 | सीड इमेज अनालायसर |
21 | कनडकटीवीटी मीटर | 44 | ट्री रिंग मेसरमेंट इनस्ट्रुमेंट |
22 | सॉइल मोईस्टर मीटर | 45 | मल्टी अंगुलर लॉन्ग रेंज प्रूनर |
23 | टेंशीओमीटर | 46 | डिजिटल बैलेन्स |
1 |
कैमरा निकॉन |
1 |
24 MP Still DSLR APS Format |
2 |
लैपटॉप एचपी पविल्यन |
1 |
15-Dk2095TX |
3 |
जी पी एस |
1 |
GPS Map 65S |
4 |
पोली हाउस |
1 |
7m*15m |
Manpower
प्रभाग में कार्यरत अधिकारी एवं कर्मचारी:
क्रम संख्या | नाम और पदनाम |
1 |
डा० संदीप शर्मा वैज्ञनिक –जी |
2 |
श्री जगदीश सिंह वैज्ञानिक- एफ |
3 |
श्री पीतांबर सिंह नेगी वैज्ञानिक-सी |
4 |
डा० स्वर्ण लता, वैज्ञानिक-सी |
5 |
डा० जोगिन्द्र सिंह चौहान, सहायक मुख्य तकनीकी अधिकारी |
6 |
श्री ज्वाला प्रसाद, तकनीकी अधिकारी |
7 |
श्री कुलदेश कुमार, वरिष्ठ तकनीकी सहायक |
8 |
श्रीमती दृष्टि शर्मा, तकनीशियन |
9 |
श्री संगत राम, वन परिक्षेत्र अधिकारी |
10 |
श्री रमेश चंद, वन दरोगा |
11 |
श्री नरेंदर सैन, वन दरोगा |
12 |
श्री संत राम, वन दरोगा |
13 |
श्री प्रवीण कुमार, अवर श्रेणी लिपिक |
14 |
श्री जिया लाल, वन रक्षक |
15 |
श्री रमेश चंद, एम० टी० एस० |
16 |
श्री संजीव कुमार, नर्सरी सहायक |
जनादेश: पश्चिमी हिमालय के शंकुधारी वृक्ष एवं उसके सहयोगी प्रजातियों की उत्पादकता वृद्धि |
प्रभाग के प्रमुख उदत्रदेश्य:
- शंकुधारी वृक्षों एवं उनके सहयोगी चौड़ी पती वाले वृक्षों के प्रभावी घटकों का अध्ययन एवं स्थापन
- उच्च गुणवत्ता वाली पौध प्राप्त करने के लिए प्राकृतिक उच्च गुणवता वाले बीज या पौध रोपण सामग्री का चयन करना |
- स्थानीय क्षेत्रों की प्रजातियों के बीज एकत्रण रख-रखाव तथा परीक्षण सम्बन्धी तरीकों का मानकीकरण
- उत्पादकता बढृाने के लिए महत्वपूर्ण प्रजातियों के उदगम स्थान के वंश परीक्षण तथा उनके उदगम स्थान का चयन करना
- स्थानीय महत्वपूर्ण वृक्ष एवं झाड़ीदार पौधों की नर्सरी एवं क्षेत्र पौध रोपण तकनीकों में सुधार एवं मानकीकरण
- शीघ्र विकासशील प्रजातियों के परिचय पर कार्य
पूर्ण परियोजना:
अ. प्लान परियोजनाए:
- औषधीय पौधों की प्रजातियों मास प्रोपेगेशन करने के लिए नर्सरी तकनीक का मानकीकरण | डा0 संदीप शर्मा (अप्रैल, 2000 से मार्च, 2007)
- शंकुधारी एवं उनके चौड़ी पत्तियों वाले पौधों की कोन्टेराईजड सीडलिंग तैयार करने की नर्सरी तकनीकों का मानकीकरण |
डा0 संदीप शर्मा (अप्रैल, 2000 से मार्च, 2007)
- विभिन्न पारिस्थितिक जलवायु क्षेत्रों में स्थानीय स्तर पर उपलब्ध कच्चे माल से तैयार कम्पोस्ट के उन्नत तरीकों का विकास करना | डा0 संदीप शर्मा (अप्रैल, 2002 से मार्च, 2005)
- हि0प्र0 की महत्वपूर्ण वृक्ष प्रजातियों के बीज एकत्रण, रख.रखाव, भण्डारण, परीक्षण तथा बीज प्रमाणीकरण के तरीकों का मानकीकरण | श्री के0एस0 ठाकुर, (अप्रैल, 2002 से मार्च, 2005)
- देवदार में पौध रोपण स्टॉक सुधार कार्यक्रम | श्री के0एस0 ठाकुर, (अप्रैल, 2003 से मार्च, 2010)
- देवदार की प्राकृतिक आबादी का एलोजाइम वेरीएशन | डॉ. राजेश शर्मा (अप्रैल, 2005 से मार्च, 2009)
- जुनिपर और फ्रेक्सिनस के बीज एकत्रण बीज रख-रखाव, बीज सुशुप्तावस्था के तरीकों का मानकीकरण श्री पी.एस.नेगी (अप्रैल, 2006 से मार्च, 2011)
- . देवदार एवं बान ओक के नर्सरी स्टॉक की रूपात्मक एवं शारीरिक गुणवत्ता परिमाप का निर्धारण | डा0 संदीप शर्मा (अप्रैल, 2007 से मार्च, 2013)
- शीशम के श्रेष्ठ क्लोन के चयन द्वारा उत्पाद वृद्धि | डॉ. राजेश शर्मा (अप्रैल, 2007 से मार्च, 2013)
- देवदार के बड़े पौधों की तकनीक विकसित करना | डा0 संदीप शर्मा (अप्रैल, 2008 से मार्च, 2013)
- डी.एन. ए. आधारित मार्कर के द्वारा देवदार अनुंवाशिक आबादी का आकलन एवं गुणविवरण | डॉ. राजेश शर्मा (अप्रैल, 2010 से मार्च, 2013)
- चिलगोजा की प्राकृतिक आबादी का आइसोजाईम वेरिएशन |डॉ. राजेश शर्मा (अप्रैल, 2011 से मार्च, 2015)
- हिमालयन बान ओक की आबादी का अनुवांशिक आकलन तथा अनुवांशिक संरक्षण प्रासंगिकता |डॉ. राजेश शर्मा (अप्रैल, 2011 से मार्च, 2015)
-
तालीस पत्र की बीज अंकुरता एवं दीर्घ जीवन क्षमता पर अध्ययन | श्री पी.एस.नेगी (अप्रैल, 2011 से मार्च, 2016)
ब. बाहत्रय परियोजनाए
- मुश्कबाला एवं कडु की अच्छी गुणवत्ता वाली पौध रोपण सामग्री तैयार करना तथा स्थानीय समुदाय में कृषिकरण तकनीकों का विस्तार करना | डा0 संदीप शर्मा (अप्रैल, 2004 से मार्च, 2008)
- बांस का हि0प्र0 में 100 हैक्टेयर का प्रदर्शन क्षेत्र तैयार करना तथा इसकी श्रेष्ठ पौध रोपण सामाग्री तैयार करना | डॉ. राजेश शर्मा (अप्रैल, 2005 से मार्च, 2010)
- हि0प्र0 के निम्न एवं मध्य हिमालयी क्षेत्रों मे जट्रोफा बीज स्त्रोतों की उपयुक्ता | डा0 संदीप शर्मा (फरवरी , 2005 से फरवरी, 2011)
- अतीस एवं चैरा की उच्च गुणवता वाली पौध रोपण सामग्री उत्पादन एवं उनकी कृषिकरण तकनीक का स्थानीय समुदाय में विस्तार करना | डा0 संदीप शर्मा (अप्रैल , 2006 से फरवरी, 2010)
- हिमाचल प्रदेश में जट्रोफा के श्रेष्ठ स्त्रोतों का माइक्रो मिशन प्रोग्राम के तहत क्षेत्र मूल्यांकन करना | डा0 संदीप शर्मा (सितम्बर, 2008 से सितम्बर, 2013)
- शंकुधारी वृक्षों में DUS के लिए अनोखे गुणों का चयन | डॉ. राजेश शर्मा (जून, 2010 से सितम्बर, 2014)
- जट्रोफा के बीज में उच्च तेल मात्रा के लिए जीन मार्कर विकास एवं जट्रोफा में उच्च बीज मात्रा प्राप्त करने हेतु मादा फूल विकास के लिए मॉलिक्यूलर आधार पर अनुवांशिक सुधार करना | डा0 संदीप शर्मा (फरवरी, 2013 से फरवरी, 2016)
वर्तमान परियोजनाएं:
अ. प्लान परियोजनाएं:
1. हिमाचल हिमालय की मध्य पहाडी परिस्थितियों में काफल एवं च्यूरा की नर्सरी एवं प्रांरभिक पौधरोपण व्यवहार का पता लगाना | डा0 संदीप शर्मा (अप्रैल, 2012 से फरवरी, 2017)
2.जुनिपर की कृषि तकनीकों का मानकीकरण एवं प्रगति मापदंडो का नर्सरी एवं क्षेत्र परिस्थितियों में मूल्यांकन करना | डा0 पी.एस. नेगी (अप्रैल, 2016 से फरवरी, 2021)
3. देवदार में कलम तकनीक का मानकीकरण करना | डॉ. राजेश शर्मा (जून, 2016 से सितम्बर, 2019)
ब. बाहत्रय परियोजना:
- आदर्श गांव लानाबाका जिला सिरमौर, हि0प्र0 में वैज्ञानिक हस्तक्षेप द्वारा प्राकृतिक संसाधनों के पुन$रूत्थान, स्वच्छता एवं स्वास्थ्य के संदर्भ में जागरूक करना |
डॉ. राजेश शर्मा (सितम्बर, 2014 से सितम्बर, 2017) - अतीस, वनककडी एवं चोरा के उच्च गुणवत्ता वाली पौध सामाग्री तैयार करना तथा इसकी कृषिकरण तकनीक का स्थानीय समुदाय में विस्तार करना |
डा0 संदीप शर्मा (अक्टूबर, 2013 से अक्टूबर, 2016)
प्रमुख उपकरण:
क्रम संख्या |
उपकरण के नाम | क्रम संख्या | उपकरण के नाम |
1 | सीड मॅाइसचर मीटर | 19 | यू0वी0 स्पैक्टरोफोटोमीटर |
2 | हॉट एवर ओवन | 20 | मल्टी चैम्बर कुलिंग केबिनेट |
3 | सिलीगं मशीन | 21 | पौर्टेबल फोटोसिंथेसिस सिस्टम |
4 | रेफ्रीजिरेटर | 22 | प्लाटं केनोपी एनालाईजर |
5 | इलेक्टिकल कडंकटिविटी मीटर | 23 | लेमिनार एयर फलो |
6 | पी0 एच0 मीटर | 24 | कूलिगं सेण्टरीफयुज) |
7 | इलेक्ट्रॉनिक बैलेंस | 25 | जैल डाक्युमैन्टेशन प्रणाली |
8 | सीड ग्रेडर | 26 | यू0वी0 टरान्सईल्यूमिनेटर |
9 | बी0ओ0डी0 इन्क्यूबेटर |
27 | टिशू होमोजिनाईजर |
10 | सीड जर्मीनेटर | 28 | थर्मो साइकलर |
11 | सीड ड्रायर | 28 | डीप फ्रीजर |
12 | सीड ब्लोअर | 30 | इन्क्यूबेटर |
13 | एलेक्ट्रोफोरेसिस असेंबली | 31 | लक्स मीटर |
14 | इन्फ्रा रेड थर्मो मीटर | 32 | सर्कुलेटिंग वाटर बाथ |
15 | मैग्नेटिक सटीरर | 33 | वर्टेक्स लेसर |
16 | डिआयोनाइजर | 34 | डिजिटल कैलिपर |
17 | सोक्सलेट एपेरेटस | 35 | इन्क्रीमेन्ट बोरर |
18 | प्रैशरा चैम्बर | 36 | --- |
प्रभाग में कार्यरत अधिकारी एवं कर्मचारी :
क्रम संख्या . |
नाम और पदनाम |
1 |
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2 |
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3 |
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4 |
श्री विनोद कुमार, अनुसंधान सहायक ग्रेड.1 |
5 |
श्री सुनील वामन भोंडंगे, अनुसंधान सहायक ग्रेड.1 |
6 |
श्री ज्वाला प्रसाद, अनुसंधान सहायक ग्रेड.1 |
7 |
सोनिका शर्मा, तकनीकी सहायक ग्रेड.1 |
8 |
श्री दिवान सिंह, वन दरोगा |
अधिक विस्तार से जानकारी के लिए, कृपया संपर्क करे:
डा0 संदीप शर्मा, वैज्ञानिक.एफ. व प्रभाग प्रमुख,
ई-मेल: sharmas@icfre.org
दूरभाष: 0177-2816103 मोबाइल.: 94181-29759