हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर में विद्यमान बीज स्टैंड सहित वन क्षेत्रों का सर्वेक्षण किया गया तथा चीड़ के बीज उत्पादन क्षेत्रों को स्थापित किया गया।
- बीज उत्पादन क्षेत्र (चीड़ पाइन) : हि.प्र. - 50.96 है.
जे एंड के - 15.00 है.
बीज बगीचों की स्थापना: हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर में चीड़ पाइन के सी.पी.टी. चुनने के लिए वन क्षेत्रों का सर्वेक्षण किया गया तथा एकत्रित बीजों का प्रयोग अंकुर बीज के बगीचों को स्थापित करने के लिए किया गया। क्लोनल सामग्री क्लोनल बीज बगीचा तथा बहुलीकरण बाग स्थापित करने के लिए उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर तथा पंजाब से शीशम चिन्हित सी.पी.टी. के क्लोनल सामग्री एकत्र की।
1. क्लोनल बीज बगीचा (शीशम) : हि.प्र. - 4.5 है. |
2. अंकुर बीज के बगीचे (चीड़ पाइन) जे एंड के - 3.5 है. |
3.बहुलीकरण बाग़ (शीशम) : हि.प्र.-5.00 है. |
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चीर-पाइन (पाईनस
रोक्षबरगाई) का सीपीटी
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शीशम (डालबरजिया सिस्सू) का सीएसओ
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देवदार के बीज स्टैंड: : देवदार के 50 हे. बीज स्टैंड की गणना उनके बीज उत्पादन क्षेत्रों में रूपांतरण के लिए की गई। छंटनी कार्य निष्पादन के लिए चयनित बीज स्टैंड की अंक सूचियां राज्य वन विभाग को प्रस्तुत की गईं। इस प्रजाति के 77 सीपीटी वृक्ष चुने गए तथा 52 सीपीटी श्रेणियों के साथ प्रजनक ट्रायल स्थापित किये गए ।
शीशम के उत्तम क्लोन की पहचान: विकास प्रदर्शन, दबाव, : प्रतिरोध तथा कीट प्रतिरोध के आधार पर शीशम की उत्पादकता वृद्धि हेतु 16 उत्तम क्लोन का चयन किया गया ।
सैलिक्स क्लोन की जांच: सैलिक्स के 14 विदेशी क्लोन तथा छः उद्गम स्थानों की जांच, उनकी उंचाई-विकास प्रदर्शन तथा एफिड हमलों के विषेष संदर्भ में नाशिकीटों संबंधी घटनाओं के प्रति उनकी प्रतिरोध क्षमता को मध्य नज़र रख कर की। जहां तक उंचाई विकास का संबंध है, सेलिक्स कोएरूलिया सर्वोतम निर्वाहक था जबकि यू डबल्यू यू-2 प्रस्तावित क्लोनों में मुख्य रनर था।
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